नदी में डूबे युवकों की तलाश पूरी हुई एनडीआरएफ टीम

दशहरे के दिन खुशी मातम में बदली

2 अक्टूबर, दशहरे के दिन आगरा जिले के खेड़ागढ़ क्षेत्र के डुंगरवाला गांव में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान वह मंजर जिसने पूरे क्षेत्र को दहला दिया| विसर्जन के लिए ऊंटगन नदी में उतरे 13 युवक अचानक तेज बहाव में फंस गए| देखते ही देखते खुशियों का माहौल मातम में बदल गया| ग्रामीणों ने एक-दूसरे को बचाने की कौशिक की, लेकिन हादसा इतना बड़ा था कि 12 युवकों की जान चली गई|

नदी में डूबे युवकों की तलाश पूरी हुई एनडीआरएफ टीम

छह दिन चला सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन

इस हादसे के बाद जिला प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने 127 घंटे यानी लगातार 6 दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया| हर दिन नदी से एक-एक शव बाहर निकाला गया| मंगलवार शाम को अंतिम शव बरामद होते ही ऑपरेशन पूरा हुआ| यह अब तक का आगरा जिले का सबसे लंबा और कठिन रेस्क्यू ऑपरेशन मन जा रहा है|

सीएम योगी ने लिया हर दिन अपडेट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की गंभीरता को देखते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन की हर दिन जानकारी ली| उन्होंने अधिकारियों को हरसंभव मदद और पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए| प्रशासन ने मौके पर मेडिकल टीम, एंबुलेंस और राहत शिविरों की व्यवस्था की|

नदी बनी मौत का कुंड

गांव वालों के अनुसार ऊंटगन नदी उस समय सामान्य लग रही थी, लेकिन अंदर गहराई और मिट्टी का फिसलन बहुत थी| युवक जब प्रतिमा लेकर आगे बढ़े तो अचानक कई लोग फ़ीसलकर गहराई में चले गए| कुछ ने एक-दूसरे को बचाने की कोशिश की, परन्तु तेज धारा ने सबको अपनी गिरफ्त में ले लिया|

12 शव बरामद, एक युवक बचा

रेस्क्यू टीम ने नदी से 12 युवकों के शव बाहर निकाले जबकि एक युवक को गंभीर हालत में जीवित बचा लिया गया| उसका इलाज फिलहाल जिला अस्पताल में चल रहा है| प्रशासन की तत्परता और स्थानीय गोताखोरों की मदद से यह संभव हो सका|

कंप्रेशर तकनीक बनी मददगार

जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने बताया कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया| इसमें सबसे महत्वपूर्ण रही कंप्रेशर तकनीक, जिसका उपयोग पहली बार इस स्टार पर किया गया| इस तकनीक से नदी गहराई में दबे शवों को खोजने में बड़ी सफलता मिली| डीएम बंगारी ने कहा,”यह मेरे करियर का सबसे कठिन और भावनात्मक रेस्क्यू ऑपरेशन था| शुरू में असफलता मिली, लेकिन टीम ने हार नहीं मानी|”

प्रशासनिक अमला दिन-रात जुटा रहा

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पुलिस कमीश्वर दीपक कुमार, डीएम अरविंद मलप्पा बंगारी, एडिशनल कामेश्वर राम बदन सिंह, आयुक्त अंकित खंडेवाल, डीसीपी अतुल शर्मा समेत सैकड़ों अफसर लगातार मौके पर मौजूद रहे| रात-दिन राहत कार्य जारी रहा| पूरे क्षेत्र की सुरक्षा बनाए रखने के लिए भरी पुलिस बल तैनात किया गया|

गांव में पसरा मातम, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल

हादसे में मारे गए 12 युवकों के घरों में मातम छा गया है| कोई इकलौता बेटा था, तो कोई परिवार का सहारा| महिलाएं बेसुध होकर रो रही थी, पिता बेटों के शवों को देखकर बेहोश हो गए| पूरा गांव इस घटना के बाद से गहरे सदमे में है| स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा हादसा गांव के इतिहास में कभी नहीं हुआ|

ग्रामीण बोले – सावधानी बरती होती तो बच सकती थी जानें

गांव के बुजुर्गों का कहना है कि नदी में विसर्जन से पहले प्रशासन को सुरक्षा इंतजाम करने चाहिए थे| नदी में रस्सी या बोट की व्यवस्था होती तो शायद आयोजनों के दौरान सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध हों|

पीड़ित परिवारों को सरकार की मदद

हादसे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की| प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रूपये की राहत राशि देने का निर्णय लिया गया| इसके अलावा, प्रशासन ने पीड़ित परिवारों के पुनर्वास और बच्चों की शिक्षा के लिए भी योजनाएं बनाई है|

जनता की अपील – विसर्जन स्थलों पर सुरक्षा अनिवार्य बने

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि आने वाले समय समय में हर विसर्जन स्थल पर बैरिकेडिंग, गोताखोरों और रेस्क्यू टीम की अनिवार्य मौजूदगी सुनिश्चित की जाए| ताकि भविष्य में किसी और परिवार को यह दर्द न झेलना पड़े|