आगरा में छह साल की मासूम बच्ची के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है| पॉक्सो कोर्ट ( POCSO Court ) आगरा ने दोनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई, जिससे न्याय की उम्मीद में बैठे परिवार की आंखों में राहत के आंसू आ गए|

आगरा में बच्ची के साथ गैंगरेप और हत्या, दोषियों को फांसी

कैसे हुई घटना

18 मार्च की शाम मासूम बच्ची घर के बाहर खेल रही थी| उसी समय अमित और निखिल बाइक लेकर आए और टॉफी दिलाने के बहाने उसे साथ ले गए| गांव के बाहर एक खेत में दोनों ने बच्ची के साथ गैंगरेप किया और फिर हत्या कर दी| बच्ची के घर न लौटने पर परिवार ने खोजबीन शुरू की| पर बच्ची का कोई भी सुराग नहीं मिला, फिर अगले दिन खेत से उसका शव बरामद हुआ| पुलिस ने मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल के आधार पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया|

फिरौती मांगने पर हुआ खुलासा

इसके बाद आरोपियों ने मामले को दूसरी दिशा देने की कोशिश की| 19 मार्च को बच्ची के पिता को कॉल आया, और 6 लाख की फिरौती की मांग की इसके बाद बच्ची के पिता ने तुरंत पुलिस को सूचना दी| पुलिस ने मोबाइल और लोकेशन और कॉल डिटेल के आधार पर दोनों को 20 मार्च को गिरफ्तार का लिया

लड़की का शव देखकर गांव के लोगों के साथ पुलिसकर्मी भी सहम गए थे| पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गैंगरेप और कुकर्म दोनों की पुष्टि हुई थी| शरीर के हर हिस्से पर चोट के निशान थे| पुलिस ने मजबूत साक्ष्यों के साथ महीने के अंदर कोर्ट में चर्चित दाखिल की| कोर्ट ने तत्काल मुकदमे की सुनाई शुरू कर दी थी| आखिर 18 महीने केस चलने के बाद दोषियों को समा मिली |

18 महीने की सुनवाई, 18 गवाह और निर्णायक सबूत

करीब 18 महीनों तक केस की सुनवाई पॉक्सो कोर्ट में चलती रही| सरकारी वकील एडीजीसी सुभाष गिरी ने अदालत में 18 गवाहों को पेश किया और हर सबूत को मजबूती से रखा| पुलिस ने डीएनए रिपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट और कॉल रिकॉर्ड्स जैसे सबूतों के आधार पर चार्जशीट दाखिल की थी|

जज सोनिका चौधरी ने साक्ष्यों और गवाहियों को सुनने के बाद कहा

“ऐसे अपराध मानवता के लिए कलंक है| इतनी छोटी बच्ची के साथ हुई यह दरिंदगी किसी भी सूरत में माफ नहीं की जा सकती|”

पुलिस की तेजी और साक्ष्य

बाह थाना पुलिस ने इस केस को चुनौती के रूप में लिया| थाना प्रभारी ने टीम बनाकर 72 घंटे में दोनों आरोपियों को पकड़ लिया| डीएनए रिपोर्ट, कपड़े और कॉल रिकॉर्ड्स जैसे मजबूत सबूत जुटाए गए| केवल एक महीने के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दी गई|

परिवार की प्रतिक्रिया

फैसले के बाद बच्ची की मां फूट-फूट कर रो पड़ी|

उन्होंने कहा –

“18 महीने तक हमने हर तारीख पर कोर्ट के चक्कर लगाए| अब हमारी बेटी को न्याय मिल गया|”

परिवार ने कहा कि अगर हर केस ऐसी सख्त कार्रवाई हो, तो शायद कोई और मासूम इस तरह की दरिंदगी का शिकार न बने|

एडीजीसी सुभाष गिरी का बयान

एडीजीसी सुभाष गिरी ने कहा –

“हमने हर सबूत को मजबूती से कोर्ट में पेश किया| अदालत ने हमारी दलीलों पर भरोसा जताया और न्याय हुआ|”

उन्होंने बताया कि जज सोनिका चौधरी ने पिछले साल भी 18 अक्टूबर को एक अन्य पॉक्सो केस में फांसी की सजा सुनाई थी| यह दूसरी बार था जब उन्होंने उसी तारीख पर मौत की सजा दी|

लोगों में न्यायपालिका पर बढ़ा भरोसा

इस फैसले के बाद आगरा में लोगों ने पुलिस और कोर्ट की सराहना की| सोशल मीडिया पर #JusticeForGirl और #AgraCourtDecision जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे| लोगों का कहना है कि आगरा हर जिले में ऐसे केसों पर जल्दी फैसला हो, तो अपराधियों में कानून का डर बढ़ेगा|

न्याय का संदेश

यह फैसला सिर्फ एक परिवार नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए सबक है कि “कानून के शिकंजे से कोई नहीं बच सकता है|” न्याय भले देर से मिले, लेकिन मिलता जरूर है|

रामरघु आनंदा अपार्टमेंट में 7 वीं मंजिल से गिरी बच्ची की मौत पिता सऊदी में इंजीनियर