आगरा शहर की खूबसूरती और ऐतिहासिक पहचान जितनी प्रसिद्ध है, उतनी ही बड़ी चुनौती यहां का ट्रैफिक भी बन चुका है| बिजली घर चौराह – जो शहर के प्रमुख और भीड़भाड़ चौराहों में से एक है – इन दिनों गंभीर जाम की समस्या से जूझ रहा है| हर दिन सैकड़ों वाहन और पैदल यात्री यहां जाम में फंस जाते है| वजह है ऑटो और ई-रिक्सा चालकों की मनमानी, जो सड़क के बीचों-बीच वाहन खड़ा कर यात्रियों को बैठने-उतारने लगते है|
पर्यटक स्थल के पास रोजाना जाम
बिजली घर चौराह, लालकिला से महज 20 कदम और ताजमहल से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| यह इलाका न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि विदेशी सैलानियों के लिए भी बेहद अहम है| शहर में आने वाले सैलानी जब इन इलाकों से गुजरते है तो उन्हें सबसे पहले यही ट्रैफिक जाम देखने को मिलता है| टूरिस्ट बसें, टैक्सी और निजी गाड़ियां यहां फंस जाती है| इससे न केवल आम जनता को परेशानी होती है बल्कि आगरा की छवि पर भी नकारात्मक असर पड़ता है|
ऑटो चालकों की मनमानी से बड़ा संकट
यहां ऑटो और ई-रिक्शा चालकों ने सड़क को अपना स्टैंड बना लिया है| कई बार देखा गया है कि चालक बीच सड़क में गाड़ी रोककर यात्रियों को बैठते है, जिससे पीछे लंबी कतारें लग जाती है| खासकर सुबह और शाम के समय जब ऑफिस, स्कूल और बाजारों का ट्रैफिक अपने चरम पर होता हैं, तो लोगों को निकलने में आधे घंटे से ज्यादा समय लग जात है|
स्थानीय निवासी सुधीर अग्रवाल बताते है
“हर सुबह यही हाल रहता है| पुलिस वाले सिर्फ दूर से खड़े रहते है, पर कार्रवाई नहीं होती| कई बार हमने खुद ट्रैफिक को क्लियर कराया है|”
ट्रैफिक पुलिस की सीमाएं और लापरवाही
हालांकि ट्रैफिक पुलिस बिजली घर चौराहे पर मौजूद रहती है, लेकिन स्थिति पर नियंत्रण नहीं बन पा रहा| पुलिसकर्मी कई बार ऑटो चालकों को चेतावनी देते है पर कुछ देर बाद वही स्थिति फिर से लौट आती है| पुलिस का कहना है कि एमजी रोड पर ऑटो संचालन पर प्रतिबंध है जिससे अधिकतर चालक बिजली घर या उसके आसपास गाड़ियां रोककर खड़े हो जाते है|
ट्रैफिक पुलिस का बयान
ट्रैफिक इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा ( बिजली घर क्षेत्र प्रभारी ) ने बताया
“बिजली घर चौराहे पर जाम की स्थिति पर लगातार नगर रखी जा रही है| सुबह और शाम के पीक समय में हमारी टीम मौके पर मौजूद रहती है| कई ऑटो चालकों पर चालकों पर चालान भी किए गए| लेकिन चौराहे पर जगह कम होने और यात्रियों की अधिक संख्या के कारण समस्या बार-बार लौट आती है| हम नगर निगम के साथ मिलकर ऑटो स्टैंड तय करने की प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं|”
उन्होंने आगे कहा –
“किसी भी ऑटो चालक को सड़क के बीच खड़ा होकर यात्रियों को बैठने की अनुमति नहीं है| नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई जारी है| अगर नागरिकों को कोई परेशानी होती है, तो वे ट्रैफिक हेल्पलाइन 1073 या हमारे व्हाट्सएप नंबर पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं|”
दुकानदारों और यात्रियों की परेशानी
इस जाम से सिर्फ वाहन चालक ही नहीं, बल्कि आस-पास के दुकानदार भी परेशान है|
राकेश गुप्ता, जो चौराहे के पास दुकान चलते है कहते हैं –
“जब जाम लगता है तो ग्राहक यहां रुकना नहीं चाहते| सड़क के बीच गाड़ियों के खंडे रहने से धूल और शोर इतना बढ़ जाता है कि दुकानदारी पर असर पड़ता है|”
पैदल चलने वाले लोगों की दिक्कत और भी ज्यादा है| कई बार दो पहिया वाहन साइड से निकलने की कोशिश में रैलियों से टकरा जाते है|
जाम की वजह से रॉन्ग साइड का खतरा
ट्रैफिक रुकने की वजह से लोगों को रॉन्ग साइड से निकलना पड़ता है, जो दुर्घटनाओं को न्योता देता है| पिछले एक महीने में इस चौराहे पर दो बार हल्की टक्करें हो चुकी है| गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ|
लोगों की राय और मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को ऑटो चालकों के लिए फिक्स स्टैंड और पार्किंग जोन बनाने चाहिए|
सपना मिश्रा, जो रोज इस रास्ते से दफ्तर जाती है, बताती हैं –
“कभी-कभी जाम इतना बाद जाता है की हमें रस्ता बदलना पड़ता है| अगर प्रशासन स्थाई समाधान नहीं करेगा, तो ये समस्या और बड़ी हो जाएगी|”
प्रशासनिक कारवाई केवल खानापूर्ति तक
लोगों का आरोप है कि पुलिस सिर्फ औपचारिक कार्रवाई करती है| कुछ ऑटो हटाने के बाद पुलिसकर्मी चले जाते है और फिर वहीं स्थिति लौट आती है| जब तक कोई अधिकारी मौके पर मौजूद न रहे, तब तक स्थिति में सुधार संभव नहीं है|
विशेषज्ञों की राय
ट्रैफिक विशेषज्ञों का मानना है कि आगरा जैसे शहरों में ट्रैफिक सिस्टम को व्यवस्थिति करने के लिए स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, CCTV मॉनिटरिंग और फिक्स्ड ऑटो जोन जरूरी है| इससे ट्रैफिक पुलिस को भी सहायता मिलेगी और जनता को राहत भी|
पूर्व नगर योजनाकार राजीव सिंह कहते है|
“बिजली घर चौराह पर्यटक मार्ग पर पड़ता है, इसलिए इसे मॉडल ट्रैफिक पॉइंट बनाया जा सकता है| इससे आगरा की छवि में सुधार आएगा और लोगों को भी सुविधा मिलेगी|”
समाधान की दिशा में क्या किया जा सकता है?
1. ऑटो और ई-रिक्शा के लिए नियमित स्टैंड तय किए जाएं
2. चौराहे पर नो-पार्किंग जोन लागू हो|
3. ट्रैफिक पुलिस साथ-साथ निगरानी कमरे लगाए जाएं|
4. बार-बार उत्लंघन करने वालों भरी चालान हो|
5. स्थानीय दुकानदारों और नागरिकों को भी जागरूक किया जाए|