आगरा| बदलते मौसम के साथ ही शहर में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है| सुबह-शाम की ठंडी हवा और दिन में बढ़ती गर्मी ने बच्चों के स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा असर डाला है| सरकारी और निजी अस्पतालों में हर दिन वारयल बुखार के दर्जनों बच्चे पहुंचे रहे है| डॉक्टरों का कहना है कि इस बार का बुखार पिछली बार की तुलना में ज्यादा असरदार और लंबा चल रहा है|

एस.एन मेडिकल कॉलेज, आगरा के बाद रोग विशेषज डॉक्टर मधु का कहना है कि तापमान में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव से बच्चों की इम्यूनिटी पर सीधा असर पड़ रहा है| सुबह हल्की ठंड और दोपहर की गर्मी शरीर को भ्रमित कर रही है, जिससे वायरस को फैलने का मौका मिलो रहा है| उन्होंने कहा कि पिछले एक हफ्ते में ओपीडी में 60% बच्चे वायरस लक्षणों के साथ आए है|
डॉ. मधु ने बताया कि इस बार बुखार के साथ गले में खराश, सिरदर्द थकान, और शरीर में दर्द जैसे लक्षण भी ज्यादा दिनों तक बने रहते है| पहले जहां 2-3 दिन में बच्चे ठीक हो जाते थे, अब 5-7 दिन का समय लग रहा है| कई मामलों में लगातार खांसी और जुकाम भी बन हुआ है|
डॉक्टरों की सलाह: बचाव ही सबसे बेहतर इजाज
बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि माता-पिता को बच्चों की दिनचर्या में थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए| मौसम के हिसाब से कपड़े पहनना जरूरी है| सुबह स्कूल भेजते समय हल्का गर्म कपड़ा पहनाएं और शाम को बाहर खेलने से बचाएं
डॉ.सीमा अग्रवाल, बाल स्वास्थ्य विशेषज, बताती है – “माता-पिता को बच्चों को बाहर की चीजें खाने से रोकना चाहिए| सड़क किनारे की चाट, बर्गर या ठंडी चीजें से बच्चों में संक्रमण बढ़ सकता है| इसके अलावा घर में नियमित सफाई रखें और पानी उबालकर ही पीने दें|” उन्होंने कहा कि बच्चों को विटामिन-सी युक्त फल जैसे सत्र, आंवला, नींबू का रस देना चाहिए जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है|
स्कूलों में भी बढ़ी सतर्कता
शहर के कई स्कूलों ने बच्चों में बढ़ते बुखार को देखते हुए स्वास्थ्य जांच शुरू कर दी है| कुछ स्कूलों ने मॉर्निंग असेंबली और आउटडोर गेम्स अस्थायी रूप से बंद कर दिए है ताकि बच्चे ठंड या धूल से संक्रमित न हों| स्कूल प्रिंसिपल नीलम वर्मा ने बताया,”हमने बच्चों को हाथ धोने की आदत डालने और मास्क पहनने के लिए कहा है| बुखार या जुकाम वाले छात्रों को स्कूल आने से मना किया गया है ताकि संक्रमण न फैले|”
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, अक्टूबर के शुरुआती हफ्तों में तापमान में औसतन 10 डिग्री तक का उतार-चढ़ाव देखा गया है| सुबह की ठंड और दिन की गर्मी के कारण शरीर का तापमान नियंत्रण बिगड़ रहा है| यही वजह है कि वायरल संक्रमण तेजी से फैल रहा है|
आगरा मौसम केंद्र के वैज्ञानिक ने कहा,”यह संक्रमण केवल बच्चों तक सीमित नहीं है| बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग भी इसकी चपेट में आ सकते है|”
घरेलू उपाय भी असरदार
डॉक्टरों के साथ-साथ आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू नुस्खे भी राहत दे सकते है|
1. तुलसी और अदरक की चाय से गले की खराश में आराम मिलता है|
2. स्टीम लेने से नाक बंद और सिरदर्द में राहत मिलती है|
3. हल्दी वाला दूध रात में पीने से शरीर की गर्मी संतुलित रहती है|
इम्यूनिटी बढ़ने के उपाय
डॉक्टरों का कहा कि बदलते मौसम में पर्याप्त नींद, संतुलित भोजन और नियमित व्यायाम बच्चों को संक्रमण से बचा सकता है| माता-पिता को ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे मोबाइल या टीवी के सामने ज्यादा समय न बिताएं बल्कि थोड़ी फिजिकल एक्टिविटी करें|
माता-पिता के लिए 5 जरूरी सावधानियां
1. बच्चों को मौसम के अनुसार कपड़े पहनाएं|
2. ठंड या बासी खाना खाने से बचाएं|
3. भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करें|
4. पर्याप्त पानी और पौष्टिक आहार दें|
5. किसी भी लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें|
वायरल बुखार का असर कितने दिन रहता है
डॉक्टरों के अनुसार अमान्य वायरल बुखार 3 से 5 दिन में ठीक हो जाता है, लेकिन इस बार देखा गया है कि कई बच्चों को 7 से 10 दिन तक लक्षण बने रहते है| इसका मुख्य कारण तापमान में बार-बार बदलाव और हवा में नमी की मात्रा है|
आगरा के अस्पतालों में बढ़ती भीड़
आगरा के जिला अस्पताल और एस.एन. मेडिकल कॉलेज में मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है| मेडिकल स्टाफ को अतिरिक्त शिफ्ट में काम करना पड़ रहा है| डॉक्टरों ने सलाह दी है कि हल्के बुखार में पेरासिटामोल लें|और खुद से एंटीबायोटिक दवाएं न खाएं|
CONCLUSION
बदलता मौसम केवल बच्चों ही नहीं, बल्कि सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए चुनौती बन गया है| डॉक्टरों की एक राय है कि थोड़ी सी सावधानी, साफ-सफाई और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम इस वायरल से आसानी से बच सकते है| माता-पिता को जागरूक रहना होगा ताकि उनके बच्चे स्वस्थ और सुरक्षित रहें|
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